MS07 महर्षि मेंहीं पदावली ।। स्तुति-प्रार्थना, सन्तमत सिद्धांत, ध्यान-योग, संकीर्तन, आरती आदि के संकलन
Descriptions
पदावली में अभिव्यक्त विचारों का वर्गीकरण इसमें भिन्न प्रणाली से किया गया है । परम प्रभु परमात्मा , सन्तगण और मार्गदर्शक सद्गुरु , इन तीनों को एक ही के तीन रूप समझकर इन तीनों की स्तुति - प्रार्थनाओं को प्रथम वर्ग में स्थान दिया गया है । क्योंकि सन्त गरीबदासजी ने निर्देश दिया है साहिब से सतगुरु भये , सतगुरु से भये साध । ये तीनों अंग एक हैं , गति कछु अगम अगाध ॥ साहब से सतगुरु भये , सतगुरु से भये सन्त । धर धर भेष विलास अंग , खेलैं आद अरु अन्त ॥ द्वितीय वर्ग में सन्तमत के सिद्धांतों का एकत्रीकरण है । तृतीय वर्ग में प्रभु - प्राप्ति के एक ही साधन ' ध्यान - योग ' का संकलन है , जो मानस जप , मानस ध्यान , दृष्टि - साधन और नादानुसंधान या सुरत - शब्द - योग का अनुक्रमबद्ध संयोजन - सोपान है । चतुर्थ वर्ग में ' संकीर्तन ' नाम देकर तद्भावानुकूल गेय पदों के संचयन का प्रयत्न है । पंचम वर्ग में आरती उतारी गई है अर्थात् उपस्थित की गई है । साधकों की सुविधा का ख्याल करके नित्य प्रति की जानेवाली स्तुति - प्रार्थनाओं , संतमत - सिद्धान्त एवं परिभाषा - पाठ आदि को प्रारंभ में ही अनुक्रम - बद्ध कर दिया गया है और उसे स्तुति प्रार्थना का अंग मानकर उसी वर्ग में स्थान दिया गया है ।
इस पुस्तक के बारे में विशेष जानकारी के लिए यहां दवाएं।
गन्तव्य स्थान की दिशा एवं वहाँ तक जाने के मार्गों तथा सहायक संवलों को बिना जाने और बिना लिये ही जो यात्री चल देता है , उससे गन्तव्य स्थल तक पहुँचने की कोई आशा ही नहीं की जाती , उलटे उसके रास्ते में ही भटकने और भटककर नष्ट हो जाने की सम्भावना होती है । यही बात ऐसे साधकों के लिए भी है , जिन्होंने ईश्वर - स्वरूप , उनकी प्राप्ति की युक्ति - युक्त साधन विधि तथा उसकी सफलता के हेतु सदाचार , सत्संग , सद्गुरु - सेवा आदि संवलों का बिना संचयन किये केवल भावुकतावश कुछ करने में अपने को लगा दिया है । सच्चे सदाचारी साधकों को यह स्पष्ट बोध होगा कि गागर में सागर की भाँति इस पदावली में इन सब ज्ञान - दिशाओं का निदर्शन है । साथ ही वे यह भी प्रतीत कर सकेंगे कि ऐसी शक्ति - संवेग - पूरिता वाणी केवल सन्तजन ही अभिव्यक्त करने में समर्थ हो सकते हैं । इसी श्रद्धा और विश्वास से हमें उत्प्रेरणा होती है कि साधनशील मुमुक्षु इससे सहायक प्रकाश प्राप्त करेंगे।
Add a review